बुधवार, 14 अक्तूबर 2009

चीन की दुष्टता का करारा जवाब देना होगा

कई दिनों से खबरे आ रही हैं.समाचार पत्रों में न्यूज चैनलों पर, इस चीन की दुष्टता बढती ही जा रही है, लगातार हमारी सीमा के भीतर घुस कर हरकतें कर रहा है. और "अपनी सीमा से बाहर हो रहा है"

कल की खबर है कि हमारे प्रधानमन्त्री के अरुणाचल दौरे पर चीन  को आपत्ति है. अरे हम अपने घर में घूम रहे हैं, तुम्हे आपति क्यों है? 
तू क्या हमारा मास्टर लगता है जो बताएगा की हमें कहाँ जाना है और कहाँ नहीं जाना?  

क्या इतना कमजोर समझ लिया कि जब चाहे तब छडी लेकर तैयार हो जाता है. 

हमारी ४३,१८० वर्ग किलो मीटर जमीन पर पहले ही कब्जा कर रखा है और हमने पूरी दुनिया में "शांति का चौधरी" बनाने के चक्कर में ये जमीन छोड़ रखी है, 

अब और ९० हजार वर्ग किलो मीटर अपना दावा कर रहा है. अरुणाचल हमारे देश का अभिन्न अंग है और हमे अपने क्षेत्र की रक्षा करने का पूरा अधिकार है. 

हम "शांति - शांति" का पाठ कर पीछे हटते हैं और ये छाती पर चढ़े आ रहा है. इसने हमें निवीर्य समझ रखा है. अब तो इसे सुधारना ही पडेगा? 

हम तो चीन से पहले कहते हैं कि हमारे देश के लोगों की भावना को समझो नहीं तो ये वही देश है जिसमे रणबांकुरों की कमी नहीं है. 

हमारी सेनाएं भी सबक सीखाना जानती हैं. इसलिए मैं निवेदन करता हूँ कि कोई तो समझाओ इस मुरख को, तू अब नादानी छोड़ दे.नहीं तो फिर माकूल जवाब देना ही पडेगा.

9 टिप्‍पणियां:

  1. चीन को सबक सिखाना जरुरी हो गया है आपका सोचना बिलकुल सही है।

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  2. शांति का चौधरी बनने का यही नुकसान है,आपके आलेख को समर्थन है।

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  3. हमारी सेनाएं सबक सिखाना जानती हैं-चीन को चेत जाना चाहिए,
    हमे कुटनीतिक क्षेत्र मे प्रयास बढाने चाहिए।

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  4. श्रुति जी आपको दिवाली की शुभ कामनाएं, बधाई

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  5. आपको दीपावली की शुभकामनाएं जी एल जी

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  6. आपको दीपावली की शुभकामनाएं,अल्पना जी

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