कहते हैं "निर्बल के बल राम" जिसका कोई सहाय नही उसके सहाय भगवान हैं, कहीं न कहीं से निर्बल को ईश्वरीय मदद मिल जाती है, वही रायपुर के गुरुकुल आश्रम के अनाथ बच्चों के मामले में हुआ।
यहाँ मीडिया में एक खबर आई थी की अनाथ आश्रम में एक २० दिन के बच्चे को आश्रम संचालक ने ढाई लाख रूपये में बेचा है..... मैने इस प्रकरण से संबधित समाचारों को पढा, इस पर विवाद हो रहा था कि दोषी कौन है?
यह सत्य घटना है कि कोई षड़यंत्र है.... लेकिन इन सब के बीच मैं यह सोच रहा था कि प्रकरण के बाद आश्रम के बच्चों का क्या होगा?
उन्हे आश्रम से बेदखल करने का समाचार मिला, आश्रम के संचालक को जेल भेज दिया गया, आश्रम बिखरने के कगार पर था। इस शहमात की खेल में जिन बच्चों ने अपने माँ बाप तथा परिजनों को गंवा दिया उनका भविष्य अंधकारमय होने वाला था।
यहाँ मीडिया में एक खबर आई थी की अनाथ आश्रम में एक २० दिन के बच्चे को आश्रम संचालक ने ढाई लाख रूपये में बेचा है..... मैने इस प्रकरण से संबधित समाचारों को पढा, इस पर विवाद हो रहा था कि दोषी कौन है?
यह सत्य घटना है कि कोई षड़यंत्र है.... लेकिन इन सब के बीच मैं यह सोच रहा था कि प्रकरण के बाद आश्रम के बच्चों का क्या होगा?
उन्हे आश्रम से बेदखल करने का समाचार मिला, आश्रम के संचालक को जेल भेज दिया गया, आश्रम बिखरने के कगार पर था। इस शहमात की खेल में जिन बच्चों ने अपने माँ बाप तथा परिजनों को गंवा दिया उनका भविष्य अंधकारमय होने वाला था।
इस प्रकरण को मीडिया और समाचार पत्रों ने अपने अपने नजरिए से देखा, इस प्रकरण के एक पक्ष को सामने रख कर ही खबरें आई जिसमें एक पक्ष को ही दो्षी मानते हुए आश्रम संचालक को मुद्राराक्षस घोषित कर दि्या गया।
मैं आश्रम संचालक से कभी मिला नहीं हूँ तथा यह भी नही जानता था कि यह आश्रम कहां पर और क्यों और कौन संचालित कर रहा है। इसकी जानकारी इस बच्चा बेचने जैसे प्रकरण से ही सामने आई। ब्लाग जगत पर भी हंगामा हुआ पक्ष-विपक्ष मे पोस्ट लिखी गयी।
सबसे पहली पोस्ट राजकुमार सोनी की बिगुल पर आई "चमगादड़ की तरह लटका हुआ सवाल" इससे पढने से पता चला कि कहीं पर कुछ हुआ है। इसके बाद इस प्रकरण पर एक वेब साईट पर भी लिखा गया। विद्रोही पर वरुण झा ने पोस्ट लिख कर अपनी प्रतिक्रिया दी.
मैं आश्रम संचालक से कभी मिला नहीं हूँ तथा यह भी नही जानता था कि यह आश्रम कहां पर और क्यों और कौन संचालित कर रहा है। इसकी जानकारी इस बच्चा बेचने जैसे प्रकरण से ही सामने आई। ब्लाग जगत पर भी हंगामा हुआ पक्ष-विपक्ष मे पोस्ट लिखी गयी।
सबसे पहली पोस्ट राजकुमार सोनी की बिगुल पर आई "चमगादड़ की तरह लटका हुआ सवाल" इससे पढने से पता चला कि कहीं पर कुछ हुआ है। इसके बाद इस प्रकरण पर एक वेब साईट पर भी लिखा गया। विद्रोही पर वरुण झा ने पोस्ट लिख कर अपनी प्रतिक्रिया दी.
कुछ अखबारों ने बच्चों के समर्थन में मुहिम चलाई, कांकेर से प्रकाशित होने वाले अखबार ने ब्लाग में प्रकाशित इस समाचार की 10,000 प्रतियाँ पाठकों को उपलब्ध कराई,
AINS.. वेब साईट ने 10,000 sms करके इसकी सुचना लोगों तक पहुँचाई, काफ़ी हंगामा हुआ, राजकुमार सोनी ने इस प्रकरण से संबधित पोस्ट लगाकर खुलासा करने की कोशिश की जिस पर आए हुए कमेंट से पता चला कि इस मामले पर पाठकों का क्या मंतव्य है।
इस मसले पर राजकुमार सोनी द्वारा लिखी गयी पोस्ट कमीनों से मुकाबला 1, कमीनों से मुकाबला 2, राहुल गांधी के नाम एक खतरनाक चिट्ठी, उफ़ यह भयानक साजिश, उसके बाद अंतिम पोस्ट से भंडाफ़ोड़ हो जाता है।
AINS.. वेब साईट ने 10,000 sms करके इसकी सुचना लोगों तक पहुँचाई, काफ़ी हंगामा हुआ, राजकुमार सोनी ने इस प्रकरण से संबधित पोस्ट लगाकर खुलासा करने की कोशिश की जिस पर आए हुए कमेंट से पता चला कि इस मामले पर पाठकों का क्या मंतव्य है।
इस मसले पर राजकुमार सोनी द्वारा लिखी गयी पोस्ट कमीनों से मुकाबला 1, कमीनों से मुकाबला 2, राहुल गांधी के नाम एक खतरनाक चिट्ठी, उफ़ यह भयानक साजिश, उसके बाद अंतिम पोस्ट से भंडाफ़ोड़ हो जाता है।
कुल मिलाकर बच्चों को राहत मिलती है, इसमें ब्लाग जगत की भी महती भुमिका है, इन पोस्टों पर आई टिप्पणियों को लेकर राजकुमार सोनी जी के साथ पत्रकारों का एक दल आश्रम संचालक की पत्नी सहित मुख्यमंत्री रमन सिंह जी से मि्लता है तथा इस प्रकरण ब्लाग जगत से प्राप्त प्रतिक्रियाओं की एक प्रति उन्हे अवलोकन के लिए प्रस्तुत करता है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि ब्लाग जगत भी इस संवेदन शील मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है। मुख्यमंत्री जी ने इस पर कार्यवाही के तुरंत आदेश दिए। जिससे आश्रम जो उजाड़ने की साजिश नाकाम रही, आश्रम नहीं उजाड़ा जा सका, सरकार ने तय किया कि बच्चे यहीं रहेंगे.
इससे यह स्पष्ट होता है कि ब्लाग जगत भी इस संवेदन शील मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है। मुख्यमंत्री जी ने इस पर कार्यवाही के तुरंत आदेश दिए। जिससे आश्रम जो उजाड़ने की साजिश नाकाम रही, आश्रम नहीं उजाड़ा जा सका, सरकार ने तय किया कि बच्चे यहीं रहेंगे.
इनके भरण पोषण के लिए समाज कल्याण विभाग ने 30 ,000 की राशि दी तथा अब प्रति माह उपलब्ध कराई जाएगी. आश्रम में अवांछनीय तत्व प्रवेश ना करे इस लिए पुलिस का पहरा भी लगा दिया गया है. फलस्वरूप आश्रम के सारे बच्चे अब अपनी पढाई में लग चुके है तथा परीक्षा दे रहे हैं.
आश्रम की दैनिक दिनचर्या सुचारू रूप से चल रही है..... सुना है इस आश्रम के अनाथ बच्चों की गुहार राहुल गाँधी जी तक भी पहुँच गई है.......चर्चा में है कि राहुल गाँधी जी भी अपने आगामी दौरे में इस आश्रम में बच्चों से मिलने आ सकते हैं.
आश्रम की दैनिक दिनचर्या सुचारू रूप से चल रही है..... सुना है इस आश्रम के अनाथ बच्चों की गुहार राहुल गाँधी जी तक भी पहुँच गई है.......चर्चा में है कि राहुल गाँधी जी भी अपने आगामी दौरे में इस आश्रम में बच्चों से मिलने आ सकते हैं.
कुछ दिन पहले मुझे आश्रम से सम्बंधित एक पोस्ट और पढ़ने मिली.... इस प्रकरण से मुझे यह लगता है कि इस धरा पर अभी मानवता शेष है. अनाथ बच्चों को बेदखल करने का प्रयास नाकाम रहा............ सत्य तो एक दिन खुल कर सामने आता है.... आश्रम संचालक ने जो भी सही या गलत किया हो उसे संचालक को भोगना है......उसे ही भुगतना है,
लेकिन अनाथ बच्चों ने किसी का क्या बिगाड़ा है? जो उन्हें बेदखल होने की सजा मिले......अभी इस प्रकरण में क्या सामने निकल कर आता है इसका तो मुझे पूर्वाभास नही है. लेकिन अनाथ बच्चों को पुन: बसाने हेतु जिन्होंने ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका अदा की वे साधुवाद के पात्र हैं.......
लेकिन अनाथ बच्चों ने किसी का क्या बिगाड़ा है? जो उन्हें बेदखल होने की सजा मिले......अभी इस प्रकरण में क्या सामने निकल कर आता है इसका तो मुझे पूर्वाभास नही है. लेकिन अनाथ बच्चों को पुन: बसाने हेतु जिन्होंने ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका अदा की वे साधुवाद के पात्र हैं.......
जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोय ...
जवाब देंहटाएंआश्रम बच्चों के हित में खड़े होने वाले समस्त ब्लॉगर साथियों, विशेषतः श्री राजकुमार सोनी जी, के सराहनीय कार्य को नमन!
सबने मिलकर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है .. एक एक मुद्दे पर हम ऐसी ही एकजुटता का परिचय दे .. तो माज के लिए बहुत काम किया जा सकता है !!
जवाब देंहटाएंसॉरी .. माज नहीं .. समाज !!
जवाब देंहटाएंजिन्होंने ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका अदा की वे साधुवाद के पात्र हैं.......
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से भी साधुवाद और प्रणाम
बच्चों के हित में खड़े होने वाले समस्त ब्लॉगर साथियों के सराहनीय कार्य को नमन!
जवाब देंहटाएंआज तो आंखे भिगो गये लिंक देकर
जवाब देंहटाएंइसी को समाज सेवा कहते हैं। जिन लोगों ने भी इस कार्य में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया है उन्हें बहुत बहुत बधाई !!
जवाब देंहटाएंआश्रम बच्चों के हित में खड़े होने वाले समस्त ब्लॉगर साथियों, के सराहनीय कार्य को नमन!
जवाब देंहटाएं....सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये गाडा गाडा शुभकामनाएं!!!
जवाब देंहटाएंअति सराहनीय कार्य।
जवाब देंहटाएंसाधुवाद।
ब्लोग जगत का कार्य अत्यन्त सराहनीय।
जवाब देंहटाएंबच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो यही हमारी शुभकामना है
बहुत ही सुंदर कार्य किया इन सब ने, लेकिन आगे भी अब सही देख भाल होती रहे.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जाको राखे साइयाँ मार सके ना कोय ...
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