बुधवार, 24 मार्च 2010

भये प्रकट कृपाला दीन दयाला : रामनवमी पर्व

भए प्रगट कृपाला दीन दयाला
राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे------ भगवान राम के जन्मदिन के लिए प्रकृति ने साज श्रृंगार धारण कर लिए हैं, आम्रवन के बौर खुश्बु से महक रहे हैं पलास के फ़ुल के रंगों से वन दहक रहे हैं,  

कोयल की कुक से वातावरन सुरभित हो रहा है, वानरों की टोली आम एवं महुवा के वृक्षों पर धमा चौकड़ी मचा रही है, इस प्रकार प्रकृति के साथ-साथ रामजी की सेना भी तैयार है उनका स्वागत करने के लिए। नवरात्र पर जस गीत के मांदर और मंजीरों का संगीत गुंजाएमान है। इस प्रकार सभी राम जन्मोत्सव की प्रतीक्षा में हैं।

रामनवमी का दिन अबुझ है किसी भी मंगल कार्य के लिए। बेटी का विवाह हो या गृह प्रवेश बिना किसी पंडित के पोथी पत्रा देखे शुभ माना गया है। राम जन्म हेतु तुलसी दास जी कहते हैं " नवमी तिथि मधुमास ॠतु, मध्यदिवस अति शीत न घामा, अखिल लोकदायक विश्रामा।" बस हम प्रति वर्ष मर्यादा पुरुषोत्तम के जन्मदिवस के उत्सव मनाने की प्रतीक्षा करते हैं-आज वह घड़ी आ गई है।

राम कथा निरंतर चलते ही रहती है, उत्तर कांड मे गोस्वामी तुलसी दास जी ने राज्य अभिषेक का वर्णन किया है। भगवान राम का राज्याभिषेक हो गया, सभी जन हर्षित हुए, भगवान शिव आए देवता आए सभी ने स्तुति की। अयोध्या के नर नारी सुखी हो गए। घर-घर राम कथा होने लगी। तुलसी दास जी राम कथा को समाप्त नही किया बल्कि घर-घर में बांट दिया। सब राम कथा कहने सुनने लगे-- 

मर्यादा पुरुषोत्तम
सबके गृह-गृह होही पुराना।
राम चरित पावन विधि नाना।।

नर अरु नारि राम गुन गावंहि।
करहि दिवस निसि जात न जानहि॥

एक राम अवधेस कुमारा।
तिन्ह कर चरित विदित संसारा।।

नारि विरह दु:ख लहेउ अपारा।
भयेउ रोष रन रावण मारा।।

राम के राज्य में कोई अनाथ नही, क्योंकि जिनके माता-पिता नही थे वे भगवान राम जैसे प्रजा पालक पिता को प्राप्त कर सनाथ हो गए थे। राम पुत्र हीनों को पुत्र का सुख देते थे। पुत्र पिता के दु:ख शोक का हरण करता है, सुख देता है। राम सबके दु:ख शोक को हर कर पुत्र जैसा सुख देते हैं। गोस्वामी जी ने भी राम रामराज्य का यही रुप दिखाया है,----

श्री रामचंद्र की जय
राम राज बैठे त्रैलोका।
हरषित भए गए सब सोका॥

दैहिक दैविक भौतिक तापा।
रामराज नहि काहुहिं व्यापा॥

सब नर करहिं परस्पर प्रीती।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति रीती॥

भगवान राम का जन्मोत्सव चैत्र के शुक्ल पक्ष मे बसंत के आहलाद भरे मौसम मे होता है-शक्ति की आराधना के दिवस मे राम का प्राक्टय उत्सव होता है,

आज राम नवमी है विश्व के करोड़ों लोगों के आराध्य का जन्मदिवस, इस अवसर पर हम मंगल कामना करते हैं कि आपके जीवन में निरंतर सुखों का अम्बार लगे।

आपका जीवन आनंदमय हो इसी आशा के साथ - सिया पति रामचंद्र की जय-- पवन सुत हनुमान की जय्। आप सभी को रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

12 टिप्‍पणियां:

  1. रामनवमीं की शुभकामनाएँ.

    -
    हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!

    लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.

    अनेक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  2. @समीर भाई
    आपको भी रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
    भए प्रकट कृपाला दीनदयाला कौश्लया हितकारी
    हरषित महतारी मुनिमनहारी अद्भुत रुप विचारी।

    जवाब देंहटाएं
  3. रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. रामनवमी कि शुभकामनायें।
    ललित जी , एक सवाल का ज़वाब दें।
    रामनवमी साल में दो बार क्यों मनाई जाती है ?

    जवाब देंहटाएं
  5. का महराज सोहर की आशा में आए थे निराश हो गए -

    "मोरे पिछवरवाँ चन्दन गाछ औरों से चंगन हो .. रामा
    राम के कढऊँ खड़वऊवाँ कन्हैया जी के पालन हो .."

    जवाब देंहटाएं
  6. रामनवमी पर आपकी प्रस्तुति सटीक रही. शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  7. रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  8. आप सभी को रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  9. रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं