भाई ललित हमें याद आ रहा है कि ख्याति लब्ध लोगों की चरण धूलि भी सर माथे पर चढ़ चढ़ा ली जाती है फिर तो कुत्ते की तस्वीर लग जाने पर प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर कतई आश्चर्य नही होना चाहिए. वह भी इस बेचारे प्राणी की महत्ता को देखते हुए "काक चेष्टा बको ध्यानं स्वान निद्रा तथैव च अल्प हारी गृहत्यागी विद्यार्थिम पञ्च लक्षणं"
ललित जी , बाकी तो सब ठीक है लेकिन मुझे लगता है कि लेबल सही नहीं लगाया :)
जवाब देंहटाएं....बहुत खूब!!!!!
जवाब देंहटाएंशब्द नहीं चित्र---मौसम है विचित्र
जवाब देंहटाएंकुछ भी हो पर शानदार है यह चित्र
बहुत अच्छा !!
जवाब देंहटाएंहां, अब ठीक है !
जवाब देंहटाएंचलो, बेचारे को कहीं तो छाया मिली.
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखा है मित्र!
जवाब देंहटाएंपोस्ट है सचित्र!!
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जवाब देंहटाएंसुंदर अति सुंदर. ताऊ से छुपकर बैठा है. कब तक छुपेगा?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
-ताऊ मदारी एंड कंपनी
बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंबेचारा..... नाईस जी
जवाब देंहटाएंअरे ललित भाई,
जवाब देंहटाएंइसे एकाध बीयर खिंचवा दो, फिर देखो कैसे शेर बनता है...
जय हिंद...
भाई ललित हमें याद आ रहा है
जवाब देंहटाएंकि ख्याति लब्ध लोगों की चरण धूलि
भी सर माथे पर चढ़ चढ़ा ली जाती है
फिर तो कुत्ते की तस्वीर लग जाने पर
प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर कतई आश्चर्य नही होना चाहिए.
वह भी इस बेचारे प्राणी की महत्ता को देखते हुए
"काक चेष्टा बको ध्यानं स्वान निद्रा तथैव च
अल्प हारी गृहत्यागी विद्यार्थिम पञ्च लक्षणं"
बहुत खूब!!!!!
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