रविवार, 11 जुलाई 2010

देखकर बताईए कौन सा तारा है?

दिनांक 8 जुलाई को पश्चिम दिशा में क्षीतिज में एक तारा बहुत ही चमक रहा था। कोई साढे सात बजे का समय होगा। बच्चों ने बाहर बुला कर दिखाया और पूछा कौन सा तारा है?

मैने कहा कि इस तरह तो शुक्र तारा ही चमकता है। तो श्रीमति ने कहा कि शुक्र तारा तो सुबह पूर्व दिशा में दिखता है।

हमारे यहां कहावत है (पांड़े के पोथी-पतरा अउ पंड़ियाईन के मुखग्रा) याने कि पांडे जी जो पोथी-पतरा देख के बताते हैं वह पंडियाईन मुंह जबानी बता देती है।

हम चुप हो गये। हमारे यहां शुक्र तारे को स्थानीय भाषा में सुकुवा कहते हैं, जो भोर होने की सूचना देता हैं। हमने इस तारे की फ़ोटो ली, आप देख कर बताईए कि कौन सा तारा हो सकता है?






ललित शर्मा के बियंग : सुंदरी बन गे भंइसी मेंछरावत हे, संसो म ठेठवार के परान सुखावत हे

19 टिप्‍पणियां:

  1. यहाँ तो शहर की भागमभाग जिन्दगी में आकाश की तरफ देखना ही भूल गए रही सही कसर इंटरनेट ने पूरी कर दी और कभी गलती से रात में आकाश की और नजर चली भी जाती है तो प्रदूषण के मारेआकाश कभी साफ दीखता ही नहीं |
    तो इस तारें के बारे में क्या बताएं :(

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  2. Evening Star, Venus. :)

    शुक्र ही होना चाहिये प्रभु..मगर अगर भाभी न मानें तो हम सरेंडर...कोई जिद नहीं..कम से कम उनके आगे...जो वो कहें...वो कहें केतु..तो केतु मान लेंगे मूड़ झुकाये. :)

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  3. सूर्य की परिक्रमा करने के क्रम में शुक्र जब सूर्य से नीचे और ऊपर होता है .. तो सालभर यह पृथ्‍वी से दिखाई नहीं देता .. पर जब वह पृथ्‍वी के बाएं हो जाता है .. तो सूर्यास्‍त के बाद पश्चिम में चमक बिखेरता है .. और जब दाएं हो जाता है तो सूर्योदय के पहले पूरब में भी चमकता है .. अभी वह पश्चिम में चमक रहा है .. इसकी चमक अभी अक्‍तूबर तक बढती चली जाएगी .. क्‍यूंकि वह पृथ्‍वी के निकट आने की दिशा में प्रवृत्‍त है .. दिसंबर से वह पूरब दिशा में चमकेगा .. क्‍यूंकि वहां से वह पृथ्‍वी से दूर होता जाएगा .. मार्च तक इसकी चमक क्रमश: कम होती जाएगी और धीरे धीरे सूर्य की चमक में इसकी चमक खो जाएगी !!

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  4. इन दिनों शाम के समय पश्चिम आकाश में शुक्र और मंगल दोनों ही देखे जा सकते हैं। शुक्र बड़ा दिखाई देता है। जब कि मंगल को उस के लाल रंग से अलग पहचाना जा सकता है। आप के चित्र से पता नहीं लगता यह कौन सा तारा है।

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  5. सूर्य की परिक्रमा करने के क्रम में शुक्र जब सूर्य से नीचे और ऊपर होता है .. तो सालभर यह पृथ्‍वी से दिखाई नहीं देता .. पर जब वह पृथ्‍वी के बाएं हो जाता है .. तो सूर्यास्‍त के बाद पश्चिम में चमक बिखेरता है .. और जब दाएं हो जाता है तो सूर्योदय के पहले पूरब में भी चमकता है ..
    संगीता जी की उपरोक्त बात समझ नहीं आती है। शुक्र जब दृश्य में सूर्य के अत्यंत नजदीक आता है तो केवल 20 दिन के लगभग दिखाई नहीं देता तब हम उसे अस्त कहते हैं। यदि वह पश्चिम में अस्त होता है तो 20-22 दिन बाद पूरब में और पूरब में अस्त होने पर इतने ही दिन बाद पश्चिम में दिखाई देने लगता है। वे जो ऊपर-नीचे और दाएँ-बाएँ बता रही हैं उन का क्या अर्थ है यह तो वे ही बता सकती हैं।

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  6. शुक्र ग्रह है (तारा नहीं ! ) सभी ग्रह पूर्व में उगते और पश्चिम में अस्त होते दीखते हैं !

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  7. यह तो शुक्र ही है जो प्रतिदिन सुबह और शाम को ही दिखाई देता है।

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  8. कौन सा तारा है भाई..
    तारा है कि तारा... ता.. रा... तार.. रा है
    या फिर तारे जमीं पर हैं

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  9. अवधिया जी से सहमती की "यह तो शुक्र ही है जो प्रतिदिन सुबह और शाम को ही दिखाई देता है"। चलिए इसी बहाने लोगों की नजर आकाश को निहारेगी जरूर ....आपके इस पोस्ट के लिए आभार ...

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  10. भाभी जी जो भी बोले यह वोही तारा है जी,कारण जब कभी आप के पास आना हुआ तो रोटी तो भाभी के हाथ की ही खानी है, अगर हां मै हां नही मिलाई तो कोन खिलायेगा रोटी प्रदेश मै:)

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  11. भैय्या भाभी जी सही कह रही हैं ये शुक्र तारा है ...बह के समय अस्त होने के समय इसी तरह दिखता है...

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  12. ध्रुव तारा होगा ! वैसे लाखों तारे असमान में एक मगर ढूंढें न milaa !!

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  13. एकतारा तो पक्का नहीं :) बाकि कोई भी हो ही ही ही

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  14. यहाँ तो शहर की भागमभाग जिन्दगी में आकाश की तरफ देखना ही भूल गए रही सही कसर इंटरनेट ने पूरी कर दी और कभी गलती से रात में आकाश की और नजर चली भी जाती है तो प्रदूषण के मारेआकाश कभी साफ दीखता ही नहीं |

    वैसे.... इस तारे का नाम "महफूज़" है....

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  15. हम तो ख़्वाबों में ही चाँद और तारे देखते हैं...

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