उदय महाराज |
बड़े गुरुजी को समाचार दिया कि भिलाई चलते हैं और फ़िर दोनो निकल पड़े पाबला जी से मिलने। पाबला जी ब्लाग जगत में कितने लोकप्रिय हैं, इसका अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि जब हमारे घर आए तो मेरे 6 साल के बेटे से उन्होने घर से बाहर ही पूछा कि "मुझे पहचानते हो? तो उदय ने कहा कि "आप पाबला जी हैं।
जबकि दोनो कभी नहीं मिले थे। पाबला जी भी आश्चर्य चकित थे। उदय मेरे साथ नेट पर बैठता है और नेट पर ही फ़ोटो देखकर उन्हे पहचान लिया। है ना, ब्लागिंग कमाल की चीज।
बड़े गु्रुजी (बर्थ डे बॉय) |
सुबह शरद भाई को आने की सूचना दी, फ़ोन लगाते ही उन्होने पूछा कौन? हमने कहा "नाटक वाली लड़की"। बोले "ललित भाई"। हमने कहा "पहुंच रहे हैं।" तब से ही शरद भाई पाबला जी के घर पहुंच गए थे।
पहुंचते ही पाबला जी दिख गए, दिल के फ़ुल खिल गए। एक स्नेह का झोंका आया और गले मिल गए। माता जी से "पैरी पैणा" कर सति श्री अकाल किया और फ़िर पाबला जी ने अपने कंट्रोल रुम में बाड़ दिया।
एक हाथ जख्मी था, उसकी पूरी उंगलियां भी, दुसरे हाथ की एक उंगली बस खुली थी। उसी से काम चल रहा था। अब यहाँ आकर उंगली की कीमत पता चली कि एक उंगली भी कितने काम कर सकती है।
बड़े गुरुजी पहुंचते ही कम्प्युटर पर लग गये। क्योंकि ब्लागर की यह बहुत बड़ी कमजोरी है। भले दाना पानी भी न मिले बस कम्प्युटर मिल जाए फ़िर बल्ले बल्ले।
वे धान के देश में पहुंच गए और पाबला जी, शरद भाई के साथ मिठाई लेने चले गए। यहीं आकर चरितार्थ हुआ " जिन्दगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं।"
इतना बड़ा हादसा जिस आदमी के साथ घट जाए उसे मुस्कुराने में ही कई महीने लग जाते हैं और यहां तो हम ठहाके लगा रहे थे। जैसे कोई सामान्य दिन हो।
कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला हंसते-हंसते करने के कारण ही सरदार की उपाधि दी गयी है, पाबला जी को देखकर तो यही लगा। अनिता कुमार जी गिरीश बिल्लौरे जी और अरविंद मिश्रा जी से फ़ोन पर बात हुई।
जब हमने वि्दा लेनी चाही तब बरसात शुरु हो चु्की थी। पाबला जी का कैमरा हादसे में शहीद हो चुका था तो वे मोबाईल से फ़ोटो लेने लगे। यहां एक उंगली बहुत काम आई, जब मैं उनकी फ़ोटो लेने लगा तो वे गुर्राए, तब तक मेरा मोबाईल काम कर चुका था, हा हा हा।
दो घंटे लगातार बारिश हुई। हम उसके रुकने का इंतजार करने लगे। बड़े गुरुजी ने समय का सदुपयोग किया और एक पोस्ट लगा कर शेड्युल कर दी। शरद भाई भी सोच रहे थे घर जाने के लिए। बेटी और भाभी जी का फ़ोन आ चुका था।
वे कहीं इंतजार कर रहे थे इनका, कि गाड़ी लेकर आएं तो घर जाएं। लेकिन शरद भाई सोच रहे थे कि अगर गाड़ी तक गया तो भीग जाउंगा। इसलिए हिम्मत करके बैठे रहे।
पाबला जी से मिलकर मन को तसल्ली हो गयी, नहीं तो घर बैठे सोचते रहते कितनी चोट लग गयी, क्या हुआ होगा?
जाको राखे सांईंया मार सके न कोई, बाल न बांका कर सके, जो जग बैरी होय। 35 सेकंड में गाड़ी जल गयी। इतनी कम समय में तीन लोगों का गाड़ी से बाहर से निकलना भी अद्भुत है।
बेटी को एक भी खंरोच नहीं आई। उपरवाले की सीधी नजर थी। बता रहे थे कि दो मिनट में तो गाड़ी जल कर पूरी खत्म हो चुकी थी।
पाबला जी ठीक हैं लेकिन जख्म भरने में तो कुछ समय लगता ही है। पाबला जी माउस एवं की बोर्ड संभाल चुके थे। हम भी ज्ञान ले रहे थे, समय का सदुपयोग हो रहा था।
बड़े गुरुजी ने प्रश्न किया कि पानी नहीं रुका तो क्या होगा? हमने कहा फ़िर भीगते हुए चलेगें। "आज रपट जाएं तो हमें न उठइयो" वैसे भी आपका जन्म दिन है। वैसे बड़े गुरुजी का हमारे से स्नेह बहुत है।
हमारा और उनका दो मिनट में झगड़ा हो जाता है लेकिन चलते साथ में है। कोई बात तो है जो उनसे अलग नहीं होने देती। अब साठ साल के हो गए, तो कह रहे थे कि सठिया गए, हमने कहा कि सठिया नहीं गए, अब परिपक्व हो गए। इसलिए "साठा सो पाठा"कहा गया है।
बरसात रुकते ही चलने लगे तो देखा अगला चक्का आराम कर रहा था। मतलब उसकी हवा खिसक गयी थी। शरद भाई मैकेनिक पकड़ कर लाए तब कहीं जाकर वापसी के लायक बने।
वापसी में पाबला जी पापा जी से भी मुलाकात हुई । उन्होने मुझे ढेर सारा आशीर्वाद दिया। स्नेह और आशीर्वाद से पूरित सोच रहा था कि दुनिया का सबसे अमीर आदमी हूँ ।
पाबला जी से विदा लेकर चल पड़े रायपुर की ओर। अब बड़े गुरुजी के जन्मदिन पर शाम की महफ़िल सजानी थी। बस रायपुर पहुंचते ही महफ़िल सज गयी।
बड़े गुरुजी ने कार्क उड़ाकर जन्मदिन मनाया गया, हम रात 9 बजे घर पहुंचे।
बड़े गुरुजी पहुंचते ही कम्प्युटर पर लग गये। क्योंकि ब्लागर की यह बहुत बड़ी कमजोरी है। भले दाना पानी भी न मिले बस कम्प्युटर मिल जाए फ़िर बल्ले बल्ले।
वे धान के देश में पहुंच गए और पाबला जी, शरद भाई के साथ मिठाई लेने चले गए। यहीं आकर चरितार्थ हुआ " जिन्दगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या खाक जिया करते हैं।"
इतना बड़ा हादसा जिस आदमी के साथ घट जाए उसे मुस्कुराने में ही कई महीने लग जाते हैं और यहां तो हम ठहाके लगा रहे थे। जैसे कोई सामान्य दिन हो।
ठहर, तेरी तो! |
जब हमने वि्दा लेनी चाही तब बरसात शुरु हो चु्की थी। पाबला जी का कैमरा हादसे में शहीद हो चुका था तो वे मोबाईल से फ़ोटो लेने लगे। यहां एक उंगली बहुत काम आई, जब मैं उनकी फ़ोटो लेने लगा तो वे गुर्राए, तब तक मेरा मोबाईल काम कर चुका था, हा हा हा।
दो घंटे लगातार बारिश हुई। हम उसके रुकने का इंतजार करने लगे। बड़े गुरुजी ने समय का सदुपयोग किया और एक पोस्ट लगा कर शेड्युल कर दी। शरद भाई भी सोच रहे थे घर जाने के लिए। बेटी और भाभी जी का फ़ोन आ चुका था।
वे कहीं इंतजार कर रहे थे इनका, कि गाड़ी लेकर आएं तो घर जाएं। लेकिन शरद भाई सोच रहे थे कि अगर गाड़ी तक गया तो भीग जाउंगा। इसलिए हिम्मत करके बैठे रहे।
फ़ोटो के लिए अपुन कु्छ भी करेंगा |
जाको राखे सांईंया मार सके न कोई, बाल न बांका कर सके, जो जग बैरी होय। 35 सेकंड में गाड़ी जल गयी। इतनी कम समय में तीन लोगों का गाड़ी से बाहर से निकलना भी अद्भुत है।
बेटी को एक भी खंरोच नहीं आई। उपरवाले की सीधी नजर थी। बता रहे थे कि दो मिनट में तो गाड़ी जल कर पूरी खत्म हो चुकी थी।
पाबला जी ठीक हैं लेकिन जख्म भरने में तो कुछ समय लगता ही है। पाबला जी माउस एवं की बोर्ड संभाल चुके थे। हम भी ज्ञान ले रहे थे, समय का सदुपयोग हो रहा था।
चर्चा मग्न |
बड़े गुरुजी ने प्रश्न किया कि पानी नहीं रुका तो क्या होगा? हमने कहा फ़िर भीगते हुए चलेगें। "आज रपट जाएं तो हमें न उठइयो" वैसे भी आपका जन्म दिन है। वैसे बड़े गुरुजी का हमारे से स्नेह बहुत है।
हमारा और उनका दो मिनट में झगड़ा हो जाता है लेकिन चलते साथ में है। कोई बात तो है जो उनसे अलग नहीं होने देती। अब साठ साल के हो गए, तो कह रहे थे कि सठिया गए, हमने कहा कि सठिया नहीं गए, अब परिपक्व हो गए। इसलिए "साठा सो पाठा"कहा गया है।
बरसात रुकते ही चलने लगे तो देखा अगला चक्का आराम कर रहा था। मतलब उसकी हवा खिसक गयी थी। शरद भाई मैकेनिक पकड़ कर लाए तब कहीं जाकर वापसी के लायक बने।
वापसी में पाबला जी पापा जी से भी मुलाकात हुई । उन्होने मुझे ढेर सारा आशीर्वाद दिया। स्नेह और आशीर्वाद से पूरित सोच रहा था कि दुनिया का सबसे अमीर आदमी हूँ ।
पाबला जी से विदा लेकर चल पड़े रायपुर की ओर। अब बड़े गुरुजी के जन्मदिन पर शाम की महफ़िल सजानी थी। बस रायपुर पहुंचते ही महफ़िल सज गयी।
बड़े गुरुजी ने कार्क उड़ाकर जन्मदिन मनाया गया, हम रात 9 बजे घर पहुंचे।
न तो हमने पाबला जी को देखा न बैठे उनके साथ पर भाई गज़ब हो गया रात भर पता नहीं क्यों नीं न आई थी उस रात जब एक्सीडेंट की खबर मिली. मान गये नेट की दुनिया आभासी नहीं है वास्तविक भी तो है
जवाब देंहटाएंआज सुबह सुबह ही ललित भैया का ब्लोग पढ़ा और ये जान कर खुशी हुई कि इतने बड़े हादसे के बाद मेरे वीरजी नोर्मल हो गए इतनी जल्दी .अपनी आँखों के सामने घर परिवार से इतनी दूर सब कुछ जलता हुआ देखना....शोक्ड करने वाला हादसा तो था ही वो सब कुछ .किन्तु जैसा ललित भैया ने लिखा है इसी लिए तो 'सरदार ' कहते हैं. सरदार यानि लीडर,बोस,मुखिया.
जवाब देंहटाएंमाऊ के खरोंच तक नही आई सब ऊपर वाले की मेहरबानी है,'वो' है सचमुच. पाबला भैया जल्दी अच्छे हो जाइए.
अवधियाजी को बी लेतेद हेप्पी बर्थ डे .मिलते हैं जल्द ही. टेक केअर
... ये "असरदार सरदार" है ... बेहतरीन पोस्ट!!!
जवाब देंहटाएंएक्सीडेंट की खबर सुनने के बाद उधर ही ध्यान था .. आपसे कुशल मंगल जानकर ही मुझे तसल्ली हुई .. पाबला जी जल्द स्वास्थ्य लाभ करें .. यही मंगलकामना करती हूं !!
जवाब देंहटाएंसरदारजी को पुन: हमारा सत श्री अकाल। अवधियाजी को तो हम पूर्व में बधाई दे चुके थे। आपने बड़ा अच्छा काम किया जो पाबला जी से मिलने चले गए और उनकी तस्वीर भी जारी कर दी। पाबला जी को नए जीवन की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंअब आपने सबकुछ तो लिख ही दिया है ललित जी, हम क्या टिप्पणी दें? इसलिये नो कमेंट्स!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया!
जवाब देंहटाएंदादा अवधिया जी को साठवें जन्मदिन पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाये .... पाबला जी स्वस्थ हैं यह बड़ी प्रसन्नता की बात है ... बढ़िया जानकारी के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंकल शरद भाई के ब्लॉग पर काफी जानकारी मिल गयी थी ..........बाकी जो भी बच गया वह आपने पूरा कर दिया ! बहुत बहुत धन्यवाद आपका !
जवाब देंहटाएंपाबला जी का तो सच में कोई जवाब नहीं ! बस जल्द से जल्द वह एक दम स्वस्थ हो जाएँ यही दुआ है !
वैसे आपने जो फोटोयें लगाई है उस में थोडा लोचा है ..............केवल एक फोटो को छोड़ दें तो बाकी सब में पाबला जी के बाएं हाथ में पट्टी दिख रही है और एक में उनका सीधा हाथ ज़ख़्मी दिख रहा है .............मामला क्या है, सर जी ??
जवाब देंहटाएं@ शिवम् मिश्रा
जवाब देंहटाएंएक फ़ोटो हमने कैमरा उल्टा करके हैंची थी।
आपकी ये पोस्ट पढकर रहत हुई...शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंअवधिया जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई.
बात तो हुई थी पाबला जी से। पर फोटो देखकर चैन पड़ा है। पर फिर भी बेचैन हैं। अब तो आंख के इशारों से चलने वाली स्क्रीन इजाद करनी ही होगी और बोल कर टाईप करके पोस्ट करने वाला साफ्टवेयर भी।
जवाब देंहटाएंpabla ji salamat rahe. blogjagat ki seva karte rahe. lalit, yah post bhi pyar-bhari hai.
जवाब देंहटाएंमैं भी सोच रहा था हफ्ता होने जा रहा है और इस बंदे की कोई रिपोर्ट ही नहीं आई। कल वाली पोस्ट लजालू थी। आज पाबला जी की पूरी खबर पड़ कर तथा फोटो देख कर कुछ तस्सली मिली। वैसे सही बात है पाबला जी हैं बड़े गुर्दे वाले, फोन पर ऐसे बात कर रहे थे जैसे हादसा कहीं और हुआ हो।
जवाब देंहटाएंचलिए अच्छा किया आप मिल आये । सब कुशल मंगल है , शुक्र है । लेकिन ये कैमरा उल्टा करके फोटो कैसे खिंचा जाता है भाई ?
जवाब देंहटाएंपावला जी सही मायने में एक सच्चे इन्सान हैं और अपना दुःख किसी को बताते नहीं बल्कि दूसरों के दुखों को बांटकर खुशियाँ देने में विश्वास करते हैं ,आपने उनका ख्याल रखा और उनसे मिले यह आपने बहुत अच्छा किया ,हम भी पावला जी से मिलने का प्रोग्राम बनाते हैं | अवधिया जी तो साठ साल के हुए हैं लेकिन उनकी सोच और लेखनी अभी जवान है ,बहुत-बहुत बधाई उनको |
जवाब देंहटाएंआपकी ये पोस्ट पढकर रहत हुई...शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंअवधिया जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई.
Read More: http://lalitdotcom.blogspot.com/2010/07/blog-post_22.html
abhi fone karta hoon awadhiya ji ko...
जवाब देंहटाएंवाहे गुरु उन्हे जल्द से ठीक करे, यही आरदास करते है जी
जवाब देंहटाएंपाबला जी से तो बात हो गई बाद में...मगर ये वाली पार्टी?? :)
जवाब देंहटाएंआकस्मिक दुर्घटना से उपजे अवसाद के क्षणों में आप सभी की मंगलकामनायों से मुझे बेहद संबल मिला है,
जवाब देंहटाएंआपकी शुभेच्छायों हेतु पाबला परिवार कृतज्ञ है.
स्नेह बनाए रखिएगा
आपकी पोस्ट पढ़कर और पाबला जी की तस्वीरें देख,तसल्ली हुई.
जवाब देंहटाएंअवधिया जी को जन्मदिन की अनेकों शुभकामनाएं
चलो पोस्ट पढकर काफी तसल्ली मिली
जवाब देंहटाएंअवधिया जी को जन्मदिन की शुभकामनायें !!
पाबला जी..!!
जवाब देंहटाएंआपसे नया नया ही परिचय हुआ है पर जिस तरह के आप हैं तो आपसे रिश्ता सीधे ही अपनेपन की गली से गुजरने लगता है.. चौंकाने जैसा घटनाक्रम हुआ आपके साथ.. वैसे बड़ी बात कहना फ़िज़ूल होगा, बस अपनी समस्या में ह्रदय से मुझे अपना समझिएगा.. अतिशीघ्र ठीक होकर फिर से हम में पहले ही की तरह से मिल जाएँ आप.. साथ ही ख़ुशी भ है की कोई बड़ा हादसा नहीं हो पाया.. बेटी सही सलामत है इसकी भी अत्यंत ख़ुशी है.. !!..शुभकामनायें..!! .....जोगी.....