सृजनगाथा के वार्षिकोत्सव पर पधारे हुए अतिथि महानुभावों ने कविता पर अपने व्याख्यान भी दिए, जिसमें डॉ सुशील त्रिवेदी, रमेश नैयर जी, गोविंद लाल वोरा जी, श्री गंगा प्रसाद बरसैया जी का सार गर्भित व्याख्यान हुआ।उसकी रिकार्डिंग लगा रहा हूँ, आप अवश्य सुने जिससे आपको कविता जैसे विषय पर श्रवण लाभ की शत प्रतिशत गारंटी है।
डॉ्क्टर सुशील त्रिवेदी जी
रमेश नैयर जी-वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार
श्री गोविंद लाल वोरा जी--वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रधान संपादक अमृत संदेश
श्री विभाकर जी -- सम्पादक जनसत्ता रायपुर
कल सुनिए अध्यक्ष की आसंदी से - गंगा प्रसाद बरसैंया जी का व्याख्यान
डॉ्क्टर सुशील त्रिवेदी जी
रमेश नैयर जी-वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार
श्री गोविंद लाल वोरा जी--वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रधान संपादक अमृत संदेश
श्री विभाकर जी -- सम्पादक जनसत्ता रायपुर
कल सुनिए अध्यक्ष की आसंदी से - गंगा प्रसाद बरसैंया जी का व्याख्यान
शाम को ही सुन पाएंगे भाई ।
जवाब देंहटाएंअभी तो राम राम ।
अतिसुन्दर ।
जवाब देंहटाएंजी ललित जी सुना कविता क्या है .....हालांकि आवाज़ स्पष्ट नहीं थी फिर भी जनसत्ता के संपादक विभाकर जी की आवाज़ कुछ स्पष्ट सुनाई दी .....
जवाब देंहटाएंसुशिल जी ने कहा जिसमें आनंद मिले वही कविता है ....बहुत खूब .....!!
आभार आपका !
जवाब देंहटाएंRochak Aakhyaan.
जवाब देंहटाएं---------
चिर यौवन की अभिलाषा..
क्यों बढ रहा है यौन शोषण?
ललित भाई, यह पोस्ट जरूर देखिएगा!
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट ..
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