राज्य की पहली वेब पत्रिका तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित, साहित्य, संस्कृति, विचार और भाषा की मासिक पोर्टल सृजनगाथा डॉट कॉम के चार वर्ष पूर्ण होने पर चौंथे सृजनगाथा व्याख्यानमाला का आयोजन 6 जुलाई, 2010 दिन मंगलवार को स्थानीय प्रेस क्लब, रायपुर में दोपहर 3 बजे किया गया था।
भाई जयप्रकाश रथ (मानस) जी के निमंत्रण पर हम भी शरीक हुए। बहुत अच्छा ही आयोजन था। कविता पर व्याख्यान का आयोजन था।
इलाहाबाद से पधारे हुए श्री प्रकाश मिश्र जी ने अपना व्याख्यान पढ़ा एवं कविता पर चर्चा भी हूई। सम्मान समारोह के विषय में कल कुछ पोस्टों से आपको पूरी जानकारी मिल गयी होगी। मैने इस व्याख्यान को रिकार्ड किया है, लेकिन श्री प्रकाश जी माईक को दूर रख कर पढ रहे थे।
आवाज थोड़ी मंद है। इसे फ़ुल वाल्युम में ही सुने तो अच्छा लगेगा। कविता पर सार गर्भित व्याख्यान आप अवश्य ही सुने, इसमें कविता के सफ़र पर अच्छी चर्चा है।
भाई जयप्रकाश रथ (मानस) जी के निमंत्रण पर हम भी शरीक हुए। बहुत अच्छा ही आयोजन था। कविता पर व्याख्यान का आयोजन था।
इलाहाबाद से पधारे हुए श्री प्रकाश मिश्र जी ने अपना व्याख्यान पढ़ा एवं कविता पर चर्चा भी हूई। सम्मान समारोह के विषय में कल कुछ पोस्टों से आपको पूरी जानकारी मिल गयी होगी। मैने इस व्याख्यान को रिकार्ड किया है, लेकिन श्री प्रकाश जी माईक को दूर रख कर पढ रहे थे।
आवाज थोड़ी मंद है। इसे फ़ुल वाल्युम में ही सुने तो अच्छा लगेगा। कविता पर सार गर्भित व्याख्यान आप अवश्य ही सुने, इसमें कविता के सफ़र पर अच्छी चर्चा है।
ब्लाग जगत से छोटे भाई संजीत त्रिपाठी का सम्मान सृजनगाथा टीम ने किया। बहुत खुशी हुई इस कार्यक्रम में उपस्थित हो कर सम्मान समारोह के प्रत्यक्षदर्शी बने।
संजीत त्रिपाठी वास्तव में इस सम्मान के हकदार हैं, इन्होने कई वर्ष ब्लागिंग को दिए हैं और शायद छत्तीसगढ के गिने-चुने प्रारंभिक चिट्ठाकारों में से एक हैं।
जब व्यक्ति के कार्य का सम्मान होता है तो उसका उत्साह बढता है तथा उसे अहसास होता है कि समाज में दूर बैठा कोई उसके कार्यों का मुल्यांकन भी कर रहा है। इसलिए कार्य ऐसा हो जिसमें समाज का हित हो और भला हो।
सृजनगाथा टीम ने ब्लाग जगत से सुपात्र का चयन किया, इसके लिए मैं पूरी टीम को साधुवाद देता हूँ तथा अपेक्षा रखता हूँ कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहे जिससे ब्लागजगत में भी उत्साह बना रहे।
संजीत त्रिपाठी वास्तव में इस सम्मान के हकदार हैं, इन्होने कई वर्ष ब्लागिंग को दिए हैं और शायद छत्तीसगढ के गिने-चुने प्रारंभिक चिट्ठाकारों में से एक हैं।
जब व्यक्ति के कार्य का सम्मान होता है तो उसका उत्साह बढता है तथा उसे अहसास होता है कि समाज में दूर बैठा कोई उसके कार्यों का मुल्यांकन भी कर रहा है। इसलिए कार्य ऐसा हो जिसमें समाज का हित हो और भला हो।
सृजनगाथा टीम ने ब्लाग जगत से सुपात्र का चयन किया, इसके लिए मैं पूरी टीम को साधुवाद देता हूँ तथा अपेक्षा रखता हूँ कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहे जिससे ब्लागजगत में भी उत्साह बना रहे।
तबियत कुछ नरम है, मौसमी सर्दी बुखार ने घेर लिया है, इसलिए कम ही लिखा है,एक बार पुन: साधुवाद के श्री प्रकाश मिश्र जी व्याख्यान प्रस्तुत कर रहा हूँ। अगली पोस्ट में कार्यक्रम के अध्यक्ष गंगा प्रसाद बरसैंया जी का भाषण प्रस्तुत किया जाएगा।
कविता क्या, कविता क्यों--श्री प्रकाश मिश्र- पहला भाग
कविता क्या, कविता क्यों--श्री प्रकाश मिश्र- अंतिम भाग
vyaakhyaan bahut acchaa lagaa.aapko our sanjit tripaathiji ko shuabhkaamanaaye.
जवाब देंहटाएंसंजीत जी को बहुत बहुत बधाई!
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट ..
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट ..बधाई!
जवाब देंहटाएंसंजीत जी को बधाई...
जवाब देंहटाएंसंजीत जी को बधाई!
जवाब देंहटाएंसंजीत जी को बहुत बहुत बधाई!आपका आभार !
जवाब देंहटाएंaap logon ke prayas se blogging ko naya aayaam mil raha hai ! bahut sunder !
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट संजीत जी को बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार पोस्ट. आवाज सुनाई नहीं दे रही है ठीक से.
जवाब देंहटाएंसृजनगाथा डाट काम के श्री रथ हमेशा सुपात्रों का ही चयन करते हैं इसलिए पूरी पारदर्शिता बनी रहती है.
संजीत के साथ-साथ उन्हें भी बधाई
मैं उन्हें तब से जानता हूं जब से वे रायगढ़ के शिक्षा विभाग में पदस्थ थे.
अच्छा कार्यक्रम रहा । बधाई।
जवाब देंहटाएंउपयोगी पोस्ट!
जवाब देंहटाएं--
डिवशेयर में आवाज ठीक नही सुनाई दे रही है!
बहुत सुंदर लगी जी आज की पोस्ट सुंदर कविताओ के संग, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंओंगा चोगा लगा के सुनने बईठे हैं भईया और आडियो चल ही नहीं रही है, कृपया चेक कर लेंवें.
जवाब देंहटाएं@ संजीव तिवारी
जवाब देंहटाएंजम्मो ला चेक करके लगाए हंव।
इंहा चलत हे, नेट स्लो होय से परेशानी होथे।
आवाज घला ठीक नई ए।
काली लगाहुं तेमा बम अवाज हे।
जोहार ले
बंदगी साहेब
अच्छी प्रस्तुति। जब बम आवाज सुनाई देने लगेगी तब सुनेंगे।
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण लेखन।
जवाब देंहटाएंसंजीत भाई को बधाई..आभार इस प्रस्तुति के लिए.
जवाब देंहटाएंबढ़िया रिपोर्ट ..
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